गांव की आवाज न्यूज उदयपुर। राज्य जल मंत्रियों के दूसरे अखिल भारतीय सम्मेलन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि भारत में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल अब लोगों की आदत बन गया है। यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और जल शक्ति मंत्रालय के प्रयासों का नतीजा है। जल संरक्षण और प्रबंधन को नई दिशा दी गई है। इस दिशा में और प्रतिबद्धता से काम करने की जरूरत है।
समापन सत्र में पाटिल ने कहा कि सम्मेलन में राज्यों और विशेषज्ञों से अहम सुझाव मिले। सिर्फ समस्याओं पर चर्चा नहीं हुई, बल्कि उनके समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया गया। ऐसे मंच ज्ञान साझा करने और व्यावहारिक समाधान खोजने में मददगार होते हैं।
उन्होंने बताया कि दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत में जल संरक्षण के कार्यों की चर्चा हुई। वहां रिवर सिटी एलायंस पर भी बात हुई, जिसमें कई देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मंच पर अनुभव साझा किए गए और नवाचार के नए रास्ते खुले।
पाटिल ने कहा कि नमामि गंगे अभियान के तहत गंगा को स्वच्छ करने में बड़ी सफलता मिली है। अब लोगों की अपेक्षा बढ़ गई है कि अन्य नदियों की सफाई भी इसी प्रतिबद्धता से हो। राज्यों को इस दिशा में मिलकर प्रयास करने होंगे। पुनः उपयोगिता जल का महत्व बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि सूरत में उद्योगों को टर्शियरी ट्रीटेड पानी दिया गया, जिससे यह राजस्व का बड़ा स्रोत बन गया। इस योजना से 600 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है। गंगा पर स्थित तीन बिजली संयंत्रों में पहले से टर्शियरी ट्रीटेड जल का उपयोग हो रहा है। अब 20 और संयंत्रों में इसे अपनाने की योजना है। इससे जल संसाधनों का सतत उपयोग बढ़ेगा।

इससे पहले बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने जल संरक्षण में बिहार सरकार की पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत 47 हजार जल स्रोतों को चिन्हित कर 24 हजार पुराने जल स्रोतों को ठीक किया गया। 64 हजार से ज्यादा नए जल स्रोत बनाए गए। 12 हजार से ज्यादा चेक डैम बने। 14 हजार से ज्यादा सरकारी भवनों की छतों पर वर्षा जल संचयन किया गया।
श्रवण कुमार ने कहा कि हर महीने के पहले मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली दिवस मनाया जाता है। जल संरक्षण में बेहतरीन कार्य के लिए बिहार को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। सरकार जल संरक्षण के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
महिलाओं की भूमिका को भी अहम बताया गया। जल शक्ति से नारी शक्ति को सशक्त करने के लिए बिहार में राजीविका दीदियों के माध्यम से काम हो रहा है। यह पूरे देश के जल सुरक्षित भविष्य के लिए महत्वपूर्ण योगदान है। अगला सम्मेलन त्रिपुरा में होगा। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बताया कि 2026 में त्रिपुरा में यह आयोजन किया जाएगा।