गांव की आवाज न्यूज नेटवर्क झालावाड़। 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 5 साल के प्रह्लाद को नहीं बचाया जा सका। 13 घंटे बाद SDRF की टीम ने उसका शव बाहर निकाला। बच्चा 30 फीट नीचे फंसा था। शुरुआत में उसकी आवाज सुनाई दे रही थी। पथरीला इलाका होने से रेस्क्यू में दिक्कत आई।
SDRF और NDRF की टीम ने सोमवार सुबह 4 बजे बच्चे को बाहर निकालकर डग हॉस्पिटल पहुंचाया। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। शव को अस्पताल की मॉर्चुरी में रखवाया गया है।
बचाव के लिए पाइप के जरिए बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाई गई थी। झालावाड़ से आई SDRF की टीम ने रिंग में फंसाकर निकालने की कोशिश की। कोटा से पहुंची NDRF की टीम भी रेस्क्यू में जुटी रही।
पुलिस ने बताया कि प्रह्लाद पुत्र कालूलाल, पाडला गांव का रहने वाला था। वह माता-पिता के साथ खेत पर गया था। माता-पिता काम में व्यस्त थे, तभी वह बोरवेल के पास खेलते-खेलते उसमें गिर गया। हादसा रविवार दोपहर करीब 1:40 बजे हुआ। बोरवेल को ढकने के लिए रखा पत्थर भी उसके साथ नीचे गिरा। खेत में यह बोरवेल तीन दिन पहले ही खुदवाया गया था। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
टीम ने तड़के 3 बजे के बाद तीन अलग-अलग तकनीकों से बच्चे को निकालने की कोशिश की। एल शेप की एंगल बोरवेल में डाली गई और उसे बाहर खींचा गया। कैमरे की लाइव फीड देखते हुए पाइप के सहारे बच्चे के शव को ऊपर लाया गया।