गांव की आवाज न्यूज नेटवर्क | समरावता हिंसा और एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोपी नरेश मीणा के माता-पिता ने बुधवार को ग्रामीणों के साथ सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। इसके बाद 25 फरवरी से प्रस्तावित आंदोलन को 30 मार्च तक स्थगित कर दिया गया।
समरावता गांव में आगजनी, ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमों और नरेश मीणा की लंबी हिरासत के विरोध में ग्रामीणों ने आंदोलन का ऐलान किया था। नरेश के पिता कल्याण मीणा और माता प्रेम देवी ने कहा कि सीएम ने सद्भावपूर्वक उनकी बात सुनी। सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया।
कल्याण मीणा ने बताया कि उन्होंने सीएम से समरावता गांव में आगजनी से हुए नुकसान का मुआवजा जल्द दिलाने और ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की।
पोलिंग बूथ पर एसडीएम को मारा था थप्पड़
13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में उपचुनाव के दौरान वोटिंग का बहिष्कार हुआ था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठा था। उसने अधिकारियों पर जबरन मतदान कराने का आरोप लगाया। पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश की तो एसडीएम अमित चौधरी ने रोका। इस पर नरेश ने तैश में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया।
रात में नरेश को पकड़ने पहुंची पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हो गए। इस दौरान कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज, हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़े। अगले दिन 14 नवंबर को दोपहर 12 बजे पुलिस ने नरेश को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया। उस पर चार मुकदमे दर्ज किए गए।
समरावता हिंसा मामले में पुलिस ने 61 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 18 को टोंक जिला एवं सत्र न्यायालय और 40 को हाईकोर्ट से जमानत मिली। तीन नाबालिगों को भी टोंक के जिला जज ने जमानत दे दी। हालांकि, नरेश मीणा को अब तक जमानत नहीं मिली है।