दिनेश वैष्णव घासा। गंधर्व सागर तालाब से सिंचाई के लिए छोड़ा गया पानी सड़कों पर बह रहा है। इससे पानी की बर्बादी हो रही है और सड़कों पर कीचड़ फैल गया है। ग्रामीणों ने बताया कि तीसरी पाण पिलाई के लिए 6 फरवरी को तालाब खोला गया था। सिंचाई विभाग लगातार तेज वेग से नहरें खोल रहा है, जिससे पानी व्यर्थ बह रहा है। तालाब खुलने के बाद से एनिकट ओवरफ्लो हो रहा है और अनावश्यक रूप से पानी बर्बाद हो रहा है।
खाम की मादड़ी, खरवड़ो का गुड़ा और चार मुखी मार्ग पर खेतों में घुटनों तक पानी भर गया है। ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय सिंचाई का पानी एक खेत से दूसरे खेत में बहता रहता है, जिससे पानी की बर्बादी हो रही है। सिंचाई विभाग ने कार्मिक तैनात किए हैं, लेकिन वे नहरों पर ध्यान नहीं दे रहे। इससे अनियंत्रित रूप से पानी बह रहा है।

ग्रामीणों ने चिंता जताई कि अगर इसी तरह पानी बहता रहा तो तालाब पूरी तरह खाली हो जाएगा। गर्मी में पानी की किल्लत हो सकती है। घासा, मागंथला, धोलीमंगरी और पलाना पंचायतों में जलदाय विभाग के कुएं इसी तालाब से जुड़े हैं। जलस्तर कम होने से हैंडपंप और कुओं का पानी भी नीचे चला जाएगा। ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग से मांग की है कि पानी की बर्बादी रोकी जाए और सिंचाई व्यवस्था सुचारू की जाए।