
प्रयागराज। महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को हो चुका है। दुकानें हट चुकी हैं। पंडाल उखाड़े जा रहे हैं। संगम क्षेत्र अब खाली नजर आ रहा है। सरकार उन श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम कर रही है, जो महाकुंभ में नहीं आ सके। दमकल विभाग की गाड़ियों से संगम का जल सभी 75 जिलों में भेजा जा रहा है, ताकि श्रद्धालु अपने जिले में ही संगम स्नान कर सकें।
संगम पर अब भीड़ नहीं है। हालांकि, सुबह स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचे। अब संगम तक गाड़ी आसानी से ले जा सकते हैं। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने शुक्रवार को महाकुंभ की धरती से विदा ली। इससे पहले उन्होंने अरैल घाट पर सफाई की। गंगा से कचरा निकाला। सफाई कर्मियों को भोजन कराया।
संगम क्षेत्र में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। सफाई कर्मचारियों ने 15 दिन के विशेष सफाई अभियान की शुरुआत की है। संगम क्षेत्र, घाटों और मेले की स्थायी-अस्थायी सड़कों की सफाई हो रही है। संगम की रेती, जहां पहले पैर रखने की जगह नहीं थी, अब वीरान पड़ी है।